मोटिवेशन हिन्दी कविता ।। Motivation hindi poem.
May 12, 2018
एक ऐसी कविता जो कि movie pink मे से ली गयी है और अमिताभ बच्चन जी द्वारा कही गयी है और आप लोग इसे एक बार तो ज़रूर पढ़िये ।
तू खुद की खोज मे निकल
तू खुद की खोज मे निकल ,
तू किस लिये हताश है ।
तू चल तेरे वजूद की ,
समय को भी तलाश है..
समय को भी तलाश है ।
जो तुझ से लिपटी बेड़िया
समझना इनको वस्त्र तू ,
जो तुझ से लिपटी बेड़िया
समझना इनको वस्त्र तू ,
ये बेड़िया पीघाल की ,
बना ले इनको शस्त्र तू
बना ले इनको शस्त्र तू ।
तू खुद की खोज मे निकल ,
तू किस लिये हताश है ।
तू चल तेरे वजूद की ,
समय को भी तलाश है..
समय को भी तलाश है ।
चरित्र जब पवित्र है तो क्यों है ये दशा तेरी ,
चरित्र जब पवित्र है तो क्यों है ये दशा तेरी ,
ये पापियों को हक नही कि ले परीक्षा तेरी..
ये पापियों को हक नही कि ले परीक्षा तेरी ।
तू खुद की खोज मे निकल ,
तू किस लिये हताश है ।
तू चल तेरे वजूद की ,
समय को भी तलाश है ।
जला कर भस्म कर उसे जो क्रूरता का जाल है ,
जला कर भस्म कर उसे जो क्रूरता का जाल है,
तू आरती की लोअ नही ,
तू क्रोध की मशाल है ।
तू क्रोध की मशाल है ।
तू खुद की खोज मे निकल ,
तू किस लिये हताश है ।
तू चल तेरे वजूद की ,
समय को भी तलाश है..
समय को भी तलाश है ।
चूनर उड़ा के ध्वज बना ,
गगन भी कपकपायेगा !
चूनर उड़ा के ध्वज बना ,
गगन भी कपकपायेगा !
अगर तेरी चूनर गिरी तो एक भूकंप आयेगा ,
तो एक भूकंप आयेगा ।
तू खुद की खोज मे निकल ,
तू किस लिये हताश है ।
तू चल तेरे वजूद की ,
समय को भी तलाश है ।
समय को भी तलाश है ।
आप कविता को वीडियो के रुप मे भी देख सकते है जो कि खुद अमिताभ बच्चन जी ने अपनी आवाज़ मे कही है ।
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