Your Life is Best :a inspiring story.


विनोद हर रोज़ सुबह जल्दी घर से काम करने के लिये निकल जाता था । बाहर जाकर वो अपनी ताकत के बल पर खूब मेहनत करता और पैसे कमा कर घर पर आता । घर मे विनोद की सिर्फ एक पत्नी के इलावा और कोई नही था ।
विनोद को लगता था कि उस के घर के हालात कुछ खास अच्छे नही है । वो अपनी पूरी शमता से काम करता है ,पर फ़िर भी कुछ खास सुधार नही कर पाता ।


विनोद की एक बड़ी अजीब सी आदत थी ,वो काम पर जाते समय हर रोज़ रास्ते मे एक मन्दिर मे जाता और भगवान के आगे प्राथना करता और कहता कि ,
"प्रभु आप ने मुझे बहुत बुरी Life दी है, मेरी life मे कुछ खास पड़ा ही नही है । मेरे से ज्यादा तो मेरी पडोसी की life अच्छी है । मेरे पास कुछ भी नही है ।"
ऐसे करके वो अपनी शिकायतें भगवान से करता और बाद मे काम के लिये निकल जाता ।
ऐसे करते -करते दिन बीतते गये और विनोद हर रोज़ भगवान से अपनी life का रोना रोता ,तथा अपने पड़ोसी की life का जिक्र भगवान के आगे करता ।
 लगभग 6 महीने के बाद एक श्याम विनोद अपना काम ख़त्म करके घर पहुँचा । अपनी पत्नी के साथ बैठकर उसने खाना खाया और चुपचाप जाकर सो गया ।
सारा दिन काम की वजह से थकावट इतनी हो चुकी थी कि विनोद को जल्दी नींद आ गयी । 
उसी रात विनोद को स्वपन मे भगवान ने दर्शन दिये और उसे उसकी परेशानी का हल बताने  लगे ।
भगवान ने विनोद को कहाँ कि अगर तुम्हे लगता है कि तुम्हारे जीवन मे ज्यादा परेशानियां है तो मेरे पास उसका हल है ।
तुम अपनी सारी परेशानियों  को पणो मे लिखते जायों और उसे थैले मे डाल दो ।
तुम्हारे गाँव के उतर दिशा की तरफ़ एक बहुत बड़ा मेला लगा है । उस मेले मे आस-पास के सभी गाँव वाले इकट्ठे होगे,वो सभी भी अपना -अपना परेशानी वाला थैला लेकर आयेंगे, तुम्हे जिसका थैला हल्का लगे । उस से अपना थैला बदल सकते हो ।
और इतना कहकर भगवान चले गये । सुबह जब विनोद उठा तो मन ही मन काफी  प्रसन्न दिख रहा था और सोच रहा था कि अब तो मेरी मुश्किल हल हो जायेंगी ।
लेकिन उसको स्वपन वाली बात पर यकीन नही हो रहा था । उसने सोचा कि मै हर रोज़ मन्दिर मे भगवान के आगे प्राथना करता था, शायद एक ही बात का जिक्र वार -वार करने से ही ये स्वपन आया हो ।
फ़िर भी विनोद को तसल्ली नही हो रही थी ,इस लिये उसने उस दिन काम से छूटी की और घर से बाहर उतर दिशा की ओर निकल पड़ा ।
विनोद को पैदल चलते -चलते आधा घंटा हो गया था । पर उसको कोई मेला दिखाई नही दिया । अब उसे लगने लगा था कि शायद वो स्वपन मेरे हर रोज़ उस बात का  जिक्र करने से ही आया   हो , शायद उस बात मे कोई सच्चाई ना हो ।
विनोद अभी इतना सोच ही रहा था कि तभी उसे थोड़ी ही दुर एक मेला दिखाई दिया ।
उस वक़्त विनोद की खुशी का कोई ठिकाना नही था । वो मन ही मन इतना खुश हो रहा था कि अब तो मेरी सारी मुशकिले हल हो गयी । 
विनोद तुरंत भागा -भागा अपने घर पहुँचा और पैन तथा कुछ पन्ने लेकर अपनी मुसीबतें लिखने लगा ।
उसने एक -एक करके अपनी सारी मुसीबतें पन्नों पर लिख दी और वो पन्नों को एक थैले मे डाल दिया ,थैला लगभग आधा भर चुका था ।
विनोद खुशी के मारे थैला उठा कर मेले की तरफ़ निकल पड़ा । 
जैसे ही वो घर से बाहर निकलने लगा ,ठीक उसी वक़्त उसकी पत्नी ने उसे रोका और पूछा कि आप थैला लेकर कहाँ जा रहे हो ।
पत्नी के पूछने पर विनोद ने उतर दिया कि 'आज से हमारी सारी मुसीबतें ख़त्म होने वाली है, और इतना कहकर विनोद चल पड़ा ।
उसकी पत्नी सोचने लगी कि आखिर हमे मुसीबत है कौन सी !...जो हल हो जायेंगी ।
दूसरी तरफ़ ठीक आधे घंटे बाद विनोद मेले मे पहुँच गया । पर मेले मे जो उसने देखा था ,उसे देख कर वो हैरान रह गया ।
विनोद ने देखा कि लोग उससे भी बड़े -बड़े थैले लेकर मेले मे आये हुए थे । कई तो बड़ी -बड़ी बोरिया लेकर आये थे ।
उस ने सारा मेला घूम लिया ,पर उसको अपने थैले से कम वजन वाला किसी का थैला नही मिला । सभी थैले उसके थैले से बड़े और भारी  थे ।
उसे मेले मे अपना पडोसी भी दिखाई दिया जो कि बहुत बड़ी बोरी लेकर आया था । उसे देखकर विनोद हँसने लगा,क्योंकि उसका थैला उसकी भारी भरकम बोरी के मुकाबले काफी छोटा सा था । अब विनोद को मन ही मन तस्सली हुई और उसे अपना थैला ही अच्छा लगने लगा ।
विनोद मेले मे घूम -घूम कर काफी थक चुका था तो उसने सोचा कि थोड़ा आराम किया जाये ,जैसे ही वो आराम करने बैठा तो उसी वक़्त एक आदमी विनोद के पास आया और अपना भारी भरकम थैला विनोद के थैले के साथ exchange करने के लिये कहने लगा ।
विनोद के मना करने पर उसने जबरदस्ती विनोद से उसका थैला छीनने की कोशिश की ।
विरोध ने तुरंत अपना थैला उठाया और घर की तरफ़ भाग गया ,रास्ते मे वह एक मिनट के लिये भी नही रुका और घर की तरफ़ दौड़ता रहा । उसने अपना थैला अपने सीने से कस के लगाया हुआ था ।
जैसे ही वो घर पहुँचा ,तो उसने चैन की साँस ली । थैले को उसने एक तरफ़ रखा और आराम से बैठा ,भागते -भागते उसे काफी प्यास लग गयी थी तो उसने अपनी पत्नी से पानी लाने को कहाँ ,उसकी पत्नी ने उसे पानी दिया और उससे पूछा कि क्या हुआ ? आखिर भाग कर क्यों आये ?
विनोद ने पानी पिया और सिर्फ एक ही बात कही कि My life is best.
दोस्तो हम अक्सर शिकायत करते है कि मेरी life तो खराब है ,मेरे पास ये नही है ,वो नही है । मेरी life मे क्या पड़ा है ?
तो मै आपसे पूछना चाहूंगा कि कहाँ पड़ा है ?  कही कुछ पड़ा नही होता ।
तो दोस्तो आपकी life ही सबसे अच्छी है ,आप अपने से ऊपर वालो को देखकर दुखी होते रहते हो । ज़रा ध्यान से सोचो आप जो life जी रहे हो ,कितने लोग होगे जो अभी आप जैसी life जीने की ईच्छा रखते होगे ।
दोस्तो बहुत से ऐसे लोग है जिन्हे दो वक़्त की रोटी भी नसीब नही होती ,झुगीयो मे रहते है ,पर फ़िर भी वो खुश है । वो कभी आप जैसी life पाने की उम्मीद नही करते ।
पर ज़रा सोचो अगर उनको आप जैसी life मिल जाये तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नही होगा ,तो दोस्तो आप कहाँ गरीब हुए ,आप के पास बहुत कुछ ऐसा है जो दूसरो के लिये सिर्फ और सिर्फ एक सपना है । आप का present moment ,किसी का future dream हो सकता है ।
अपनी life का रोना छोडो और जो भी है उसे अच्छे से enjoy करो , तो friends moral of the story यही है कि हम जिन की life देखकर खुश होते है..हो सकता है उनकी life मे ,हमारी life के मुकाबले ज्यादा problems हो ।
आप की मुसीबतें तो उनके सामने बहुत छोटी सी हो सकती है । आप कभी किसी दुसरे की problems का compare अपनी problems से करो । आप को अपनी life अच्छी लगने लग जायेगी ।
तो friends आपकी life ही सबसे best है । आप की life ही अच्छी है ।
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